बहुत पुरानी बात है,
एक नगर में महामारी आने वाली थी। उसने उस नगर के राजा से कहा कि मैं आ रहीं हूँ,
और 500 लोगों की जान लुंगी। तब राजा ने सारे नगर में ढिंढोंरा पिटवा दिया, हर तरफ
महामारी को जोर और दहशत एवं डर का माहौल हो गया। जब महामारी जाने लगी तो राजा ने
कहा तुमने तो 500 लोगों की जान लेने को
कहा था, पर यह क्या किया , यहां तो 5500 से भी ज्यादा जाने चली गयीं। तो महामारी
ने कहा कि मैने को 500 ही जाने ली है, पर जो आपने डर और दहशत का माहौल बनाया, 5
हजार जाने तो उस डर और दहशत ने ली है।
- यह वक्त भी गुजर जायेगा। संयम रखे, सावधानी रखें।
- अखबार पढ़ना कम करें, न्यूज गलती से भी न देखें।
- अपना वा अपने आस – पास का माहौल खुश नुमा रखें।
- सावधानी रखे बस लापरवाही न करें और अपना ख्याल पूरा रखें। और बाकी ईश्वर पर छोड़ दें। जो होना है, वो होकर ही रहेगा। खुश रहें और सारा डर मन से निकाल दे।
- आधा बीमार तो इंसान मानसिक रूप से बीमारी को स्वीकार कर लेने से होता है। तथा कोरोना के आंकडे देखना और फारवर्ड करने का काम तो बिल्कुल भी न करें, जितना पॉजिटिव दिमाग और मन रहेगा उतना स्वस्थ्य शरीर रहेगा।

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