वर्तमान संकट हम सभी को विचलित कर रहा है -हम सब कोरोना वायरस के दूसरे चरण में है - इससे दहशत का जो माहौल बन गया है- उसको देखते हुए यह लगता है कि - परिस्थितियां सामान्य नहीं है और हमें समझदारी से काम लेना होगा - हमें अपने अंदर उत्पन्न हो रहे भय को रोकना होगा - साथ ही परिस्थितियों का धैर्य पूर्वक मुक़ाबला करने के लिए तैयार रहना होगा। हमारे मन में किसी प्रकार का नकारात्मक विचार नहीं आना चाहिए और हमें ऐसे समाचारों से दूर रहना चाहिए जो हमें हतोत्साहित करते हैं या भय का वातावरण उत्पन्न करते हैं।
कोरोना वायरस के प्रथम दौर में हम यह देख चुके हैं कि-डरने का कोई फ़ायदा नहीं है - उस समय हमारे पास साधन भी उपलब्ध नहीं थे और जागरूकता भी नहीं थी - वर्तमान समय में हमें जागरूक रहना है - किसने लापरवाही की- किसकी वजह से यह बीमारी बढ़ी - इस प्रकार के विचारों को मन में न आने दें- बल्कि इस बात की तैयारी रखें कि -यदि हम भी इसकी चपेट में आ जाए -तो हमें क्या करना है- किससे संपर्क करना है - क्या दवा लेनी है और किस प्रकार इस बीमारी से बाहर निकलना है।
हम यह जानते हैं की प्रकारांतर में यह बीमारी बहुत दिन नहीं रुकने वाली है काली रात के बाद निश्चित उज्ज्वल सबेरा आयेगा। इसलिए हमें हर व्यक्ति की - चाहे वो हमारा परिचित हैं या अपरिचित - उसकी सहायता करने में पीछे नहीं रहना चाहिए - परंतु सावधानी रखना बहुत आवश्यक है। किसी की मदद करना या ज़रूरत पर किसी की मदद लेना - बुरा नहीं है- बल्कि यही मानवता का धर्म है - आख़िर हमें ज़िंदगी को तो बचाना ही है - चाहे वह अपनी हो या अपनों की ।


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